


हर साल हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। लेकिन बहुत से लोगों को शायद नहीं पता हो कि 26 जनवरी को क्या हुआ था। यह भी सवाल मन में आता होगा कि हम 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं। आज हम आपको बताते हैं कि 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान को औपचारिक रूप से अपनाया गया था, और उस घटना को गणतंत्र दिवस क रूप में मनाया जाता है। भारत 1947 में ब्रिटिश राज से मुक्त हो गया था, लेकिन 26 जनवरी 1950 तक भारतीय संविधान प्रभावी नहीं हुआ, जिससे भारत एक संप्रभु राज्य बन गया और एक गणतंत्र के रूप में स्थापित हो गया। बता दें कि 395 अनुच्छेदों और 8 अनुसूचियों के साथ विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान भारत का संविधान 26 जनवरी को लागू किया गया था। वहीं 26 जनवरी को तिरंगा भी फहराया जाता है, लेकिन तिरंगा से जुड़े बहुत से प्रोटोकोल लोगों को नहीं पता हैं। आज हम तिरंगा से जुड़े प्रोटोकोल के बारे में आपको बताएंगे।
तिरंगा फहराने के क्या हैं नियम?
तिरंगा फहराने से पहले आपको इसके नियम भी पता होने चाहिए। क्योंकि एक भारतीय होने के नाते तिरंगे का सम्मान करना जरूरी है। इसलिए इसको फहराने से पहले आपको इसके नियम के बारे में भी पता होना चाहिए।
1- तिरंगा को हमेशा सम्मान और आदर के साथ रखना चाहिए.
2- तिरंगा को कभी भी उल्टा नहीं फहराना चाहिए.
3- तिरंगा को सूर्योदय के बाद फहराना चाहिए और सूर्यास्त से पहले उतारना चाहिए.
4- तिरंगा को जमीन पर नहीं रखना चाहिए.
5- तिरंगा को पानी में नहीं डुबाना चाहिए.
6- तिरंगे पर कुछ भी लिखा नहीं होना चाहिए.
7- तिरंगा को बिना सरकारी आदेश के आधा झुकाकर नहीं फहराना चाहिए.
8- तिरंगे को किसी भी गाड़ी में नहीं लगाना चाहिए.
9- तिरंगे को उतारने से पहले एक पल का मौन रखना चाहिए.
10- तिरंगे को सम्मान के साथ मोड़ना चाहिए.
ध्वज संहिता के अनुसार तिरंगे को कहीं भी लगाते वक्त उकी केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होनी चाहिए। इसके अलावा फटा या गंदा हुआ फ्लैग प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा करना दंडनीय अपराध हैआपको बता दें कि राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर सज़ा का प्रावधान है।